जान के खतरे पर अमृतपाल का बयान; कहा- मौत को रोका नहीं जा सकता, खुफिया एजेंसियों के बारे में बोल दी यह बड़ी बात
Amritpal Statement on His Death
Amritpal Statement on His Death: खालिस्तान समर्थक और 'वारिस पंजाब दे' संगठन के मुखी अमृतपाल सिंह ने अपनी जान पर खतरे को लेकर बड़ा बयान दिया है। अमृतपाल का कहना है कि, ये जो एजेंसियां मेरी जान पर खतरे की बात कर रही हैं। मुझे इनसे ही सबसे ज्यादा खतरा है। अमृतपाल का दावा है कि, ये खुफिया और सुरक्षा एजेंसियां ही सिर्फ उसकी जान पर खतरे का कारण बनेंगी। वहीं अमृतपाल ने यह भी कहा कि, मौत को रोका नहीं जा सकता। मौत को जब आना होगा तो वह आ जाएगी।
खुफिया एजेंसियों ने जताई है जानलेवा हमले की आशंका
बतादें कि, खुफिया एजेंसियों ने अमृतपाल सिंह पर जानलेवा हमले की आशंका जताई है। दरअसल खालिस्तान समर्थक अमृतपाल की गतिविधियों पर खुफिया एजेंसियों की लगातार पैनी नजर बनी हुई है और इसी बीच अब एजेंसियों ने पंजाब पुलिस को जानकारी दी है कि अमृतपाल सिंह पर जानलेवा हमला हो सकता है। खुफिया एजेंसियों ने पंजाब पुलिस को अलर्ट रहने को कहा है। माना जा रहा है कि, देश विरोधी तत्वों द्वारा पंजाब में अशांति फैलाने के लिए कोई भी साजिश रची जा सकती है और इसमें मोहरा अमृतपाल को बनाया जा सकता है। ताकि उसे कुछ होने पर उसके समर्थक भड़कें और पंजाब की स्थिति बिगड़ जाए।
अमृतपाल के विरोधियों में भी भारी गुस्सा
बतादें कि, अमृतपाल के विरोधियों में भी भारी गुस्सा पनप रहा है। अमृतपाल की गतिविधियों को लेकर विरोधियों में नाराजगी है। खासकर सांप्रदायिक तौर पर। अमृतपाल को लेकर हिन्दू संगठन खिंचे हुए हैं। यहां तक कि अमृतपाल की अपनी ही सिख कौम में कई ऐसे लोग हैं जो अमृतपाल को पसंद नहीं कर रहे और उनके द्वारा सरकार और पुलिस से अमृतपाल पर लगाम लगाने की बात की जा रही है। दरअसल, अमृतपाल की अगुवाई में पंजाब में खालिस्तानी मूवमेंट की सक्रियता तेज होती देख जा रही है। अमृतपाल इस मूवमेंट को बल दे रहा है। इसके साथ ही अमृतपाल के बयान भी विरोधियों को जन्म दे रहे हैं।
कौन है अमृतपाल? एकदम चर्चा का केंद्र कैसे बना
बताया जाता है कि, अमृतपाल सिंह पहले दुबई में रह रहा था और यहां ट्रांसपोर्टर का काम करता था। लेकिन हाल ही में वह पूर्ण रूप से पंजाब लौट आया और यहां आकर सिख कौम के वजूद के लिए गतिविधियां तेज कर दीं। अमृतपाल सिंह पंजाब में केवल सिख कौम के राज की बात करता है। साथ ही खालिस्तान बनने और बनाने की बातें कहता है। अमृतपाल के पीछे उसके समर्थकों की भारी फौज है. जो उसके जान दे भी सकती है और ले भी सकती है।
मैं इंडियन नहीं- अमृतपाल
यहां तक कि, अमृतपाल खुलेआम यह तक कहता है कि वह इंडियन नहीं है। हाल ही में मीडिया के सामने अमृतपाल ने खुद को इंडियन मानने से मना कर दिया था. अमृतपाल ने मीडिया में इंटरव्यू देते हुए कहा था कि वह खुद को इंडियन नहीं मानता और न ही उसके लिए इंडिया कुछ है। वह सिर्फ एक सिख है और पंजाबी है। इससे ज्यादा कुछ नहीं। अमृतपाल ने कहा कि, अगर उसके संबंध में पासपोर्ट जैसी चीजों पर इंडिया का जिक्र आता है तो यह सिर्फ यात्रा का एक जरिया है।
अमृतसर के अजनाला कांड से देश हैरान रह गया
वहीं अमृतपाल सिंह की वजह से अमृतसर के अजनाला में जो कांड हुआ। उसने पूरे देश हैरान करके रख दिया। दरअसल, 23 फरवरी को अपने करीबी साथी लवप्रीत सिंह तूफान को छुड़ाने के लिए अमृतपाल सिंह और उसके खालिस्तान समर्थकों ने बंदूक-तलवारों से लैस होकर थाने पर चढ़ाई कर दी थी। थाने पर हमला किया गया। तोड़फोड़ की गई। इस दौरान मौके पर मौजूद पुलिस पस्त नजर आई। कई पुलिस वाले घायल हुए।
आलम यह रहा है कि, अमृतपाल सिंह और उसके खालिस्तान समर्थकों ने थाने पर अपना कब्जा जमा लिया। खास बात यह है कि, इस पूरी घटना के दौरान अमृतपाल सिंह और उसके खालिस्तान समर्थकों ने गुरु ग्रंथ साहिब जी को भी साथ रखा हुआ था। यानि गुरु ग्रंथ साहिब जी को थाने तक लाया गया।